प्यार का इजहार

 
खुशियों के बौछार कम पड़ जाते हैं, लफ्ज़ भी थम जाते हैं, अहसास भरे वाणी भी ना जाने क्यूँ कंठ मे आते-आते फंस जाते हैं, जब बिछड़े प्रेमी आपस मे मिल जाते हैं, वें एक - दुसरे को एसे गले लगाते हैं, जैसे रात के बिछड़े  चकवा-चकवी सुबह होते ही आपस मे मिल जाते हैं, और प्यार भरे लम्हों को बिताते हैं, उसी तरह से बिछड़े प्रेमी एक - दुसरे को अपने प्यार भरे पल का अहसास दिलाते हैं।
  





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